ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित हो रही सखी उत्पादन समिति
चित्तौड़गढ़। हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर के तहत् विभिन्न परियोजनाएं चलायी जा रही है जिनमें लघु उद्योगों को बढ़ावा देना प्रमुखता से है। विगत 5 वर्षाे में दो महिला उद्योग स्थापित किये गये जिसमें महिलाएं उद्यमी बनकर उभरी है। अगस्त 2021 में स्थापित महिला-स्वामित्व और महिला-नेतृत्व वाला सामाजिक उद्यम, सखी उत्पादन समिति ग्रामीण राजस्थान की महिलाओं के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला रहा है। हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम, सखी पहल से शुरू की गयी यह समिति, 30 हजार से अधिक महिलाओं को 2 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर सशक्त बना रही है। इन समूहों ने सामूहिक रूप से 18.8 करोड़ की बचत की है और 100.6 करोड़ रूपयें से अधिक के ऋण प्राप्त किए हैं, जिससे हजारों ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है।
चंदेरिया लेड जिं़क स्मेल्टर के निकटवर्ती गांव की मोना साल्वी टेक्सटाइल यूनिट, चंदेरिया में कार्यरत है। वह कहती है कि मैं पहले दूसरों से बात करने में भी हिचकिचाती थी। अब मैं समूह में आत्मविश्वास से बोल सकती हूँ। मेरे लिए, यही सबसे बड़ा बदलाव है। एक दिन, मैं अपना कुछ शुरू करना चाहूँगी। कुछ साल पहले, यह जीवन कल्पना से परे था अब, मैं चुपचाप घर बैठने की कल्पना भी नहीं कर सकती। मैंने इतना कुछ हासिल किया है, मैं चाहती हूँ कि अन्य महिलाओं को भी इसका अनुभव करने का अवसर मिले।
सखी द्वारा निर्मित उत्पाद और परिधान बने आमजन की पसंद
जिंक ने सखी समूहों की आय सृजन को प्राथमिकता समझते हुए सखी के उत्पादों को बेचने के लिए स्थानिय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बिक्री और बाजार से जोडा है ताकि सखी महिलाओं के बने उत्पाद सीधे बाजार में पहुंचे। सखी उत्पादन समिति के तहत दो मुख्य ब्रांड हैं। दायची यह ब्रांड पारंपरिक तरीकों और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग कर तैयार किए गए शुद्ध और केमिकल-मुक्त खाद्य उत्पाद जैसे घी, अचार, कोल्ड-प्रेस्ड तेल, मसाले और नमकीन प्रदान करता है, जो सीधे किसानों से प्राप्त होते हैं। दूसरा ब्रांड उपाया जिसमें पारंपरिक राजस्थानी हैंड-ब्लॉक प्रिंट और प्राकृतिक रंगों को समकालीन डिजाइनों के साथ मिलाकर आरामदायक, कार्यात्मक और किफायती परिधान बनाए जाते हैं। डिजायनर कपडे़, बेग, होम डेकोर को आमजन द्वारा पंसद किया जा रहा है।
सखी उत्पादन समिति ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर देने और उन्हें गरिमा के साथ कमाई करने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कई महिलाएं, जिन्होंने पहले कभी घर से बाहर काम नहीं किया था, अब अपने परिवारों और समुदायों में आदर्श बन गई हैं। वे अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से सामाजिक बाधाओं को तोड़ रही हैं और अन्य महिलाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वर्तमान में, राजस्थान और उत्तराखंड में स्थित 14 उत्पादन इकाइयों जिनमें 8 कपड़ा और 6 खाद्य इकाइयाँ संचालित है एवं 200 से अधिक महिलाएँ कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, 100 से अधिक बिजनेस सखी ग्रामीण बिक्री एंबेसेडर के रूप में कार्यरत हैं, जो आस-पास के गाँवों और कस्बों में हस्तनिर्मित उत्पाद बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करती हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, इन बिजनेस सखियों ने सामूहिक रूप से 39.5 लाख कमाए एवं सखी उत्पादन समिति ने 2.31 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो महिलाओं की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव दर्शाता है।
महिलाओं को उद्यमी बनाने में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका
हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड कर उन्हें उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हिन्दुस्तान जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 7 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है।
बाजार तक सीधी पहुँच
2023 में, सखी उत्पादन समिति ने अपना पहला ऑनलाइन बाजार हार्ट्स विद फिंगर्स लॉन्च किया, जो ग्रामीण महिलाओं और किसानों को सीधे उन ग्राहकों से जोड़ता है जो प्रामाणिक, हस्तनिर्मित उत्पाद पसंद करते हैं। यह प्लेटफॉर्म उद्यमों को व्यापक बाजारों तक पहुँचने में मदद करता है।
पिछले साल, अमेजन पर दायची उत्पादों के लॉन्च के साथ बड़ी सफलता मिली। इससे उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी और उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ – गाय का घी गौयम को अमेजन्स चोइस बैज मिला, जबकि आम का अचार बेस्टसेलर बन गया है। अब कुछ दायची उत्पाद सब्सक्रिप्शन पर भी उपलब्ध हैं। फ्लिपकार्ट, ओएनडीसी और जल्द ही वाट्सअपन, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर सोशल कॉमर्स रोलआउट के साथ, सखी उत्पादन समिति ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए नए अवसर सृजित कर प्रामाणिक, हस्तनिर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचा रही है।
सखी उत्पादन समिति की यूनिट
सखी उत्पादन समिति चित्तौड़गढ़ के मूंगा खेड़ा गांव में आॅयल प्रेसिंग यूनिट संचालित है जो कि अचार और नमकीन के निर्माण में राॅ मटेरियल पर नियंत्रण सुनिश्चित करने, उत्पादन लागत को कम करने तथा बाजार की मांग को पूरा करने की दिशा में अगला कदम है।
बाजार से आने वाली बड़ी मांग को पूरा करने के लिए गुणवत्ता वाला शहद उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड रुद्रपुर में शहद प्रसंस्करण इकाई स्थापित की गई। रूद्रपुर में ही महिलाओं को क्रोशिया प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रेलमगरा, दरीबा में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया, जिसमें 30 से अधिक महिलाओं को परिधानांे की सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। दरीबा में बार और बाजरा बिस्कुट बनाने की उत्पादन इकाई स्थापित की गई, जो 100 से अधिक महिलाओं को आय और बिक्री के अवसर प्रदान कर रही है। कला को संरक्षित और विकसित करने तथा उपाया के साथ इसे पूरे देश में उपलब्ध कराने के लिए कायड़ में ब्लॉक प्रिंटिंग प्रशिक्षण और उत्पादन केंद्र की स्थापना की जा रही है।