कुल की रस्म के साथ अशरफी सा. के उर्स का समापन
चित्तौडगढ। बूंदी रोड स्थित कोमी एकता के प्रतीक मेवाड़ के महान सूफी संत हजरत अताए ख्वाजा सैयद सरदार अहमद अशरफी साहब रहमतुल्लाह अलैहे का 24वां सालाना उर्स मुबारक कुल की रस्म के साथ समापन हुआ।
सज्जादानशीन सलीम अशरफी ने बताया कि कुल की रस्म के बाद ओलादे गोसे आजम हजरत सैयद जामी अशरफ साहब अशरफी अल जीलानी किछोछा शरीफ और गद्दीनशीन दरगाह अजमेर शरीफ हजरत सैयद बिलाल हुसैन साहब चिश्ती ने तकरीर व दुऑ फरमायी और अपने मुल्क हिन्दुस्तान में अमनो अमान भाईचारा व कौमी एकता खुशहाली की दुऑ फरमाई। शहंशाहे तरन्नुम जुनेद बरकाती शोएब अशरफी अजलान शेख अशरफी ने नातिया कलाम व मनकबत पेश किया।
इस मौके पर खानकाहे कादरिया चिश्तीया अशरफीया की तरफ से सज्जादानशीन सलीम अशरफी, सज्जादानशीन युसुफ अशरफी, मोलाना उमेर अशरफी मौलाना मुफ्ती उस्मान अशरफी अजहरी मौलाना ज़ुबैर अशरफी अजहरी मौलाना जुनेद अशरफी उज़ेर अशरफी शोएब अशरफी ने ओलादे गोसे आजम हजरत सैयद जामी अशरफ साहब अशरफी अल जीलानी, किछोछा शरीफ और गद्दी नशीन दरगाह अजमेर शरीफ हजरत सैयद बिलाल हुसैन साहब चिश्ती , सैयद दानियाल चिश्ती व राजस्थान वक्फ बोर्ड चेयरमेन, डॉ.खानुखान बुधवाली, जयपुर विधायक मोहम्मद रफीक खान, शोएब खान जयपुर सिनियर जर्नलिस्ट जयपुर सिकन्दर भाई अजमेर की दस्तारबन्दी कर फूलों का हार पहना कर इस्तकबाल किया व दरगाह अशरफी की तस्वीर भेंट की।
इसी मौके पर शहर काजी अब्दुल मुस्तफा चिश्ती, रशीद भाई शेख सावा, राजनगर से हाफीज इमरान सा.,निम्बाहेडा हज कमेटी से हाजी अख्तर पटेल, मतलूब अजमेरी सुल्तान खान दरगाह गनी बाबा नाथद्वारा, असलम भाई एविस टेलर, जाहिद भाई जोधपुर, मस्तान बाबा दरगाह से अब्दुल रशीद, अम्बावगढ दरगाह से राजा भाई की दस्तारबन्दी कर स्वागत किया।
इस मौके पर अशरफी युवा जमात के सरपरस्त गुलाम रसल अशरफ़ी, यासीन छीपा, अशरफी जमात के सदर सोनू अशरफी, सैकेट्री शाहीद छीपा, खाजन्ची अशरफ भाटी, अमान खान, समीर लाला, वसीम छीपा, अंजुमन कमेटी के पूर्व सदर अब्दुल गनी शेख,अंजुमन कमेटी के पूर्व खजांची सादिक नीलगर, अंजुमन कमेटी के पूर्व सेकेट्री फैज़ मोहम्मद शेख गोस भाई शेख, उमर छीपा, शरीफ छीपा, सलमान अशरफ़ी, महबूब भाई, गुलाम हुसैन, अब्दुल सलाम पेन्टर, रईस मोहम्मद शेख, शकील अहमद शेख, अब्दुल हमीद मंसुरी, उस्मान भाई बेगू वाले , अकिल भाई मिस्त्री, एवं अशरफी साहब के हजारो मुरीदीन व मोतकीदीन मौजूद थे । अशरफ़ी युवा जमात के मेम्बरान और सदस्यो ने उर्स की व्यवस्था व लंगर मे सहयोग किया।